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भ्रष्टाचार की जांच करने आई टीम से नगर पालिका परिषद ने फिर छुपाई जानकारी


 जब भ्रष्टाचार नहीं हुआ तो फाइल दिखाने से क्यों बचती है नगर पालिका परिषद-, निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो उच्च न्यायालय में पार्टी बन सकती है जांच टीमसिवनी नगर पालिका परिषद में कांग्रेस की नगर सरकार को भरोसा है कि जब तक अध्यक्ष शफीक खान के ऊपर भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन का संरक्षण है तब तक उनकी नगर सरकार को कुछ नहीं हो सकता। वैसे कांग्रेस की नगर सरकार का आत्मविश्वास देखते हुए ऐसा लगता है कि सिवनी के विधायक दिनेश राय मुनमुन ने उन्हें पूरी तरह आश्वस्त भी कर रखा है यही कारण है कि सिवनी नगर पालिका परिषद में जांच के लिए दो बार जांच टीम आई और दोनों ही बार सिवनी नगर पालिका परिषद ने उन्हें महत्वपूर्ण फाइल दिखाने से मना कर दिया। पहले डी आदित्य कुमार के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। जब टीम जांच करने सिवनी पहुंची थी तब सी एम ओ रामकुमार कुर्वेती सहित उप यंत्री संतोष तिवारी और अन्य कर्मचारियों ने जांच टीम को फाइल उपलब्ध नहीं कराई थी। तब उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई थी। शिकायत के बाद भोपाल के अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण फाइल बुलवाया था तब सिवनी नगर पालिका के कर्मचारियों ने दो कार से भरकर फाइल भोपाल लेकर गए थे। हालांकि अपने वादे के मुताबिक भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन डी आदित्य कुमार को जांच टीम से हटाने में सफल हो गए थे। बाद में 19 जुलाई को आर के कार्तिकेय उप सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने डी आदित्य कुमार के सेवा निवृत होने के बाद उनकी जगह अधिक्षण यंत्री राजीव गोस्वामी को जांच टीम का अध्यक्ष बनाते हुए 15 दिवस के। भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। बताया जाता है कि गत दिवस भोपाल से राजीव गोस्वामी के नेतृत्व में एक जांच टीम सिवनी पहुंची थी। सूत्र बताते है कि सिवनी नगर पालिका परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी यह पता चल गया कि कांग्रेस की नगर सरकार के ऊपर भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन का संरक्षण है जिसके चलते नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें कई महत्वपूर्ण फाइल उपलब्ध नहीं कराया। हालांकि इसे कांग्रेस की नगर सरकार का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि शिकायत कर्ताओं ने जांच टीम को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध करा दिए ।          

गलत जांच रिपोर्ट सौंपेंगे तो उच्च न्यायालय में जांच टीम भी बन सकती है पार्टीकांग्रेस की नगर सरकार के द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद 20 जून 2024 को डी आदित्य कुमार के नेतृत्व में जांच की गई थी। सूत्र बताते है कि उक्त टीम ने सिवनी नगर पालिका परिषद ने भारी भ्रष्टाचार माना है साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष सहित कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी दोषी पाए गए है। सूत्र बताते है कि डी आदित्य कुमार की जांच रिपोर्ट में अन्य सदस्यों ने भी हस्ताक्षर किए थे जो विभाग के आला अधिकारियों के पास मौजूद है। दूसरी जांच टीम का गठन 19 जुलाई 2024 को अधिक्षण यंत्री राजीव गोस्वामी के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया जो सिवनी पहुंची थी। सिवनी नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कई दस्तावेज छुपाए लेकिन शिकायत कर्ताओं ने उक्त दस्तावेज उपलब्ध करा दिए। ऐसे में राजीव गोस्वामी समझ गए होंगे कि यदि उन्होंने डी आदित्य कुमार की अध्यक्षता में बनाई गई जांच टीम के द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट के विपरीत रिपोर्ट बनाते हैं तो शिकायतकर्ता उच्च न्यायालय भी जा सकते है। वैसे हम बता दे कि डी आदित्य कुमार की जांच टीम में सुरेश डेहरिया, बी डी भूमरकर, एवं गजेन्द्र यादव सदस्य थे। जिनमे से अधिकांश लोगों ने डी आदित्य कुमार द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट में हस्ताक्षर किए थे। राजीव गोस्वामी के नेतृत्व में बनाई गई जांच टीम में भी यही अधिकारी है यदि इन्होंने डी आदित्य कुमार के द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के विपरीत रिपोर्ट में हस्ताक्षर किए तो भी यह सभी अधिकारी उच्च न्यायालय में पार्टी बन सकते है ऐसे में जांच टीम के अधिकारी शायद की किसी के दबाव में आए। और यदि वह दबाव में आते है तो कांग्रेस शासित सिवनी नगर पालिका परिषद की आंच उनके ऊपर भी आ सकती है।